पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान | पीरियड्स के दौरान सेक्स | सुरक्षित सेक्स टिप्स

पीरियड्स (मासिक धर्म) एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है जो हर महिला को होती है। इस दौरान, कई महिलाएं और उनके साथी इस सवाल से जूझते हैं कि क्या पीरियड्स के दौरान संबंध बनाना सुरक्षित और सही है। समाज में इस विषय पर कई तरह के विचार और भ्रांतियां फैली हुई हैं। कुछ लोग इसे पूरी तरह से गलत मानते हैं, जबकि कुछ इसे सामान्य मानते हैं।

लेकिन, क्या पीरियड्स में संबंध बनाना वाकई सुरक्षित है या इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं? इस ब्लॉग पोस्ट में हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे और जानेंगे कि पीरियड में संबंध बनाने के क्या नुकसान हो सकते हैं। साथ ही, हम कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों के बारे में भी बात करेंगे।

पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान

संक्रमण का खतरा

पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने का सबसे बड़ा जोखिम संक्रमण है। मासिक धर्म के समय गर्भाशय का मुंह थोड़ा खुला रहता है, जिससे बैक्टीरिया और रोगाणु आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।

  • यीस्ट संक्रमण: pH स्तर बदलने से कैंडिडिआसिस की संभावना बढ़ती है।

  • बैक्टीरियल वेजिनोसिस: योनि में बैक्टीरिया असंतुलन के कारण होता है।

  • यौन संचारित रोग (STD): यदि पार्टनर संक्रमित हो, तो HIV, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
    WHO – Sexual Health

पेट दर्द और ऐंठन

पीरियड्स के दौरान ऑर्गेज्म से गर्भाशय में संकुचन हो सकते हैं, जिससे दर्द बढ़ सकता है। हालांकि, कुछ महिलाओं को संकुचन के बाद ऐंठन में राहत भी मिल सकती है।

सफाई और स्वच्छता की समस्या

खून का प्रवाह होने से संबंध के दौरान बिस्तर और कपड़ों पर दाग लग सकते हैं। समाधान: तौलिया का इस्तेमाल या शावर में संबंध करना।

हार्मोनल असंतुलन और मूड

पीरियड्स के दौरान हार्मोनल बदलाव चिड़चिड़ापन या थकान ला सकते हैं, जिससे सेक्स का मन नहीं करता। पार्टनर की भावनाओं और स्थिति का सम्मान करना जरूरी है।

पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने से संक्रमण और असहजता का खतरा बढ़ जाता है। कई महिलाएँ यह सवाल भी करती हैं कि अगर पीरियड्स में संबंध नहीं बनाना चाहिए, तो पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए? इसका जवाब जानने के लिए आप यह लेख पढ़ सकते हैं – पीरियड के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए?

प्रेग्नेंसी का खतरा- क्या पीरियड्स में प्रेग्नेंसी हो सकती है?

यह एक बहुत ही आम सवाल है कि क्या पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने से प्रेग्नेंसी हो सकती है। इसका सीधा जवाब है हाँ, प्रेग्नेंसी का खतरा होता है, भले ही वह कम हो।

पीरियड्स के दौरान प्रेग्नेंसी का खतरा कम होता है, लेकिन यह शून्य नहीं होता। ऐसा इसलिए है क्योंकि:

  • अंडाणु का जीवन: शुक्राणु महिला के शरीर में 5 से 7 दिनों तक जीवित रह सकते हैं।

  • असामान्य चक्र: यदि किसी महिला का मासिक धर्म चक्र छोटा या अनियमित है, तो पीरियड्स खत्म होने के तुरंत बाद या आखिरी दिनों में ओव्यूलेशन हो सकता है। ऐसे में, यदि संबंध बनाया जाए तो प्रेग्नेंसी हो सकती है।

इसलिए, यदि आप गर्भधारण से बचना चाहते हैं, तो पीरियड्स के दौरान भी कंडोम का इस्तेमाल करना ज़रूरी है।

पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान

सेफ पीरियड क्या होता है?

सेफ पीरियड का मतलब मासिक धर्म चक्र का वह समय है जब गर्भधारण की संभावना सबसे कम होती है। यह आमतौर पर पीरियड्स के शुरू होने से पहले और ओव्यूलेशन के बाद का समय होता है।

लेकिन, यह तरीका 100% सुरक्षित नहीं है। अनियमित चक्र या शुक्राणुओं के लंबे समय तक जीवित रहने के कारण प्रेग्नेंसी हो सकती है। इसलिए, यदि आप गर्भधारण से बचना चाहते हैं, तो पीरियड्स के दौरान भी कंडोम या अन्य विश्वसनीय गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करना सबसे सुरक्षित उपाय है।

पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने के क्या फायदे हैं?

नुकसानों के बावजूद, पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने के कुछ संभावित फायदे भी हो सकते हैं, जिनका अनुभव कई लोग करते हैं।

  • प्राकृतिक लुब्रिकेशन: मासिक धर्म का रक्त एक प्राकृतिक लुब्रिकेंट का काम करता है, जिससे संबंध बनाते समय सूखापन की समस्या कम हो सकती है।

  • पीरियड्स के दर्द में राहत: कुछ महिलाओं का मानना है कि ऑर्गेज्म (चरम सुख) के दौरान गर्भाशय में संकुचन होता है, जिससे मासिक धर्म की ऐंठन में राहत मिल सकती है।

  • बढ़ती हुई कामेच्छा: मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण कुछ महिलाओं में कामेच्छा बढ़ सकती है, जिससे वे संबंध बनाने के लिए अधिक इच्छुक हो सकती हैं।

  • भावनात्मक जुड़ाव: पीरियड्स के दौरान संबंध बनाने से पार्टनर के बीच विश्वास और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है, क्योंकि यह एक-दूसरे के प्रति स्वीकार्यता को दिखाता है।

पीरियड के दौरान पति को क्या करना चाहिए?

इस दौरान पार्टनर की भूमिका बहुत संवेदनशील और सहायक होनी चाहिए। एक अच्छा पार्टनर यह सब कर सकता है:

  • बातचीत करें: सबसे पहले अपनी पार्टनर से खुलकर बात करें। उनकी इच्छा और मूड का सम्मान करना सबसे ज़रूरी है। अगर वह सहज नहीं हैं, तो उनके फैसले का सम्मान करें।

  • सहायक बनें: आप संबंध बनाने के अलावा भी कई तरह से अपनी पार्टनर का साथ दे सकते हैं, जैसे कि पेट दर्द होने पर गर्म पानी की थैली देना या बस उनके साथ रहकर उन्हें भावनात्मक सहारा देना।

  • सुरक्षा को प्राथमिकता दें: संक्रमण और अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए कंडोम का इस्तेमाल करना सबसे सुरक्षित उपाय है।

  • सफाई का ध्यान रखें: आप दोनों मिलकर स्वच्छता का ध्यान रख सकते हैं, जैसे कि बिस्तर पर एक पुराना तौलिया रखना या शावर में संबंध बनाना।

निष्कर्ष:

पीरियड्स के दौरान संबंध बनाना व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है, लेकिन पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। इसमें संक्रमण का खतरा, गंदगी की समस्या और असुविधा शामिल हैं। यदि आप दोनों इसके लिए तैयार हैं, तो सावधानियों का पालन करें, साथी की भावनाओं और शारीरिक स्थिति का सम्मान करें, और सुरक्षित तरीके से संबंध बनाएं।

FAQs ( अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न )

Q1. पीरियड के कितने दिन बाद पति से संबंध बनाना चाहिए?
पीरियड के बाद आमतौर पर मासिक चक्र के 6–7 दिन बाद संबंध सुरक्षित माने जाते हैं। यह अवधि इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इस समय गर्भधारण की संभावना कम होती है, लेकिन यह महिला के चक्र की लंबाई और नियमितता पर निर्भर करता है।

Q2. पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है?
पीरियड में संबंध बनाने से गर्भधारण की संभावना बहुत कम होती है। हालांकि, मासिक धर्म के दौरान योनि में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जैसे यीस्ट संक्रमण या बैक्टीरियल वेजिनोसिस, इसलिए सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है।

Q3. पीरियड के समय संबंध बनाना चाहिए या नहीं?
डॉक्टर आमतौर पर पीरियड के दौरान संबंध से बचने की सलाह देते हैं। इसका कारण है कि इस समय महिला को असुविधा, ऐंठन या संक्रमण का खतरा अधिक होता है, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।

Q4. पीरियड के पहले दिन संबंध बनाने से क्या होता है?
पहले दिन संबंध बनाने से गर्भधारण की संभावना बहुत कम होती है। लेकिन मासिक धर्म शुरू होने के कारण योनि संवेदनशील होती है और संक्रमण या असुविधा की संभावना बढ़ जाती है।

Q5. पीरियड के तीसरे दिन संबंध बनाने से क्या होता है?
तीसरे दिन भी गर्भधारण की संभावना कम रहती है, लेकिन संक्रमण का खतरा अब भी मौजूद होता है। इसके अलावा, कुछ महिलाओं को इस दौरान दर्द या ऐंठन महसूस हो सकती है, इसलिए सावधानी बरतनी जरूरी है।

Dr. Sunita Singh Rathore

Dr. Sunita Singh Rathore

Dr. Sunita Singh Rathore is a highly experienced fertility specialist with over 15 years of expertise in assisted reproductive techniques. She has helped numerous couples achieve their dream of parenthood with a compassionate and patient-centric approach.